Translate

Featured post

तंग गली शहर का

बरबस उतारने लगे, नाग असर जहर का। कंगन कलाई की, पूछती भाव खँजर का। ज़िंदगी! मैंने देखी, बार- बार कई बार, पुजारी अमन के, पर नोचते कबूतर का। ...

गपशप- अभिधा-व्यंजना-लक्षणा

गपशप- अभिधा-व्यंजना-लक्षणा

0 comments: